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अमेरिका से टकराव के बाद भारत से दोस्ती की याद! चीन बोला- 'ड्रैगन और हाथी मिलकर बदल सकते हैं दुनिया'
- Repoter 11
- 07 Mar, 2025
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों से झटका खाने के बाद चीन अब भारत के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने की बात कर रहा है। चीन ने हाल ही में बयान दिया कि यदि भारत और चीन साथ मिलकर काम करें, तो वे दुनिया को बदल सकते हैं। चीन का यह बयान अमेरिका के साथ उसके बढ़ते व्यापारिक और कूटनीतिक तनाव के बीच आया है।
चीन ने भारत से रिश्तों को मजबूत करने पर दिया जोर
चीन के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में कहा कि भारत और चीन दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं, और अगर दोनों देश सहयोग करें, तो वैश्विक विकास को नई दिशा मिल सकती है। चीन के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि 'ड्रैगन और हाथी' जब एक साथ कदम बढ़ाएंगे, तो पूरे विश्व पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
ट्रंप की नीतियों से परेशान हुआ चीन
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए अमेरिका ने चीन पर कई कड़े व्यापारिक प्रतिबंध लगाए थे, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था को झटका लगा। इसके अलावा, अमेरिका ने भारत के साथ अपने रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को और मजबूत किया, जिससे चीन और अधिक दबाव में आ गया। अब जब ट्रंप 2024 में फिर से राष्ट्रपति चुनाव लड़ रहे हैं, तो चीन भारत के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाकर संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने अब तक चीन के इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, दोनों देशों के बीच बीते कुछ वर्षों में कई मुद्दों को लेकर तनाव रहा है, खासकर सीमा विवाद को लेकर। भारत अपनी 'एक्ट ईस्ट' पॉलिसी और अमेरिका सहित अन्य देशों के साथ बढ़ते सहयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
क्या यह चीन की नई रणनीति है?
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का यह बयान केवल कूटनीतिक चाल हो सकता है। चीन अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भारत जैसे बड़े बाजार की मदद चाहता है। इसके अलावा, वैश्विक राजनीति में अपनी स्थिति सुधारने के लिए भी चीन भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है।
निष्कर्ष
चीन का भारत से दोस्ती की बात करना और 'ड्रैगन-हाथी' की एकता पर जोर देना भले ही सकारात्मक संदेश हो, लेकिन भारत को सतर्क रहना होगा। दोनों देशों के बीच पहले भी कई समझौते हुए हैं, लेकिन वास्तविकता में चीन का रुख हमेशा बदलता रहा है। ऐसे में देखना होगा कि यह बयान सिर्फ रणनीतिक पैंतरा है या वाकई चीन भारत से रिश्ते सुधारना चाहता है।
क्या भारत को चीन की इस दोस्ती की पेशकश स्वीकार करनी चाहिए? अपनी राय कमेंट में बताएं।
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